उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा सीएचसी हल्दूचौड़ को तीन माह के भीतर शुरू करने के आदेश, क्षेत्रवासियों ने जताई खुशी, बटी मिठाइयां
हल्दूचौड़ ( नैनीताल ) ।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हल्दूचौड में सभी सुविधाएं पूर्ण होने के बावजूद भी चिकित्सकों व अन्य स्टाफ की नियुक्ति न होने के चलते चिकित्सालय का लंबे समय से शुभारंभ ना होने पर उच्च न्यायालय नैनीताल ने राज्य सरकार को 3 महीने के भीतर सभी पद सृजित करते हुए चिकित्सालय का शुभारंभ करने के आदेश दिए हैं क्षेत्र के वरिष्ठ समाजसेवी एवं सेवानिवृत प्रधानाचार्य गोविंद वल्लभ भट्ट द्वारा हाईकोर्ट में लगाई गई पीआईएल में मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई करते हुए तीन माह के भीतर उत्तराखंड शासन को हल्दूचौड़ अस्पताल का शुभारंभ करने का आदेश दिया है। जिसको लेकर क्षेत्र के लोगों ने खुशी का इजहार किया।
विदित रहे कि वर्ष 2014 में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल द्वारा हल्दूचौड़ में आठ करोड भी अधिक की कीमत की लागत से .30 बैड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का शिलान्यास किया गया। तब से लेकर अब तक अस्पताल पूर्णतया रूप से तैयार हो गया, लेकिन अस्पताल का शुभारंभ करने में आ रही दिक्कतों के चलते उक्त अस्पताल में पदों की नियुक्ति नहीं हुई । जिसको लेकर समाज सेवी हेमंत गोनिया व रिटायर प्रधानाचार्य गोविंद बल्लभ भट्ट ने उक्त मामले को लेकर हाईकोर्ट के दरवाजे खटखटाये। हाईकोर्ट ने 14 जुलाई को उक्त मामले में शासन से त्वरित कार्यवाही करने का आदेश दिया था । जिसके उपरांत सरकार ने उक्त चिकित्सालय में सभी पदों को सृजित करने की सूचना व अस्पताल में जरूरी उपकरणों के लिए 10.50 लाख रुपए भी जारी किए। परंतु सब कुछ होने के बाद भी अस्पताल चालू नहीं हुआ।
मामले की पैरवी कर रहे एडवोकेट मनीष लोहनी ने बताया कि 8 दिसंबर को मुख्य न्यायाधीश ने क्षेत्र की समस्याओं को देखते हुए शासन से तीन माह के अंदर सृर्जित पदों में अपॉइंटमेंट करने तथा अस्पताल को सुव्यवस्थित रूप से चलने का आदेश दिया है।
उक्त आदेश को सुनते ही क्षेत्र के लोगों ने एक दूसरे को मिठाई बांटते हुए खुशी का इजहार जाहिर किया, और समाज सेवी हेमंत गोनिया, प्रधानाचार्य गोविंद बल्लभ भट्ट, एडवोकेट मनीष लोहनी के साथ-साथ छात्र नेता पीयूष जोशी का भी आभार जताया।
विदित रहे कि उक्त मामले को लेकर युवा छात्र नेता पीयूष जोशी ने चिकित्सालय का शुभारंभ कराने के लिए शासन, प्रशासन, मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक को ज्ञापन भेजा था।