समाज सेवी पूर्व सैनिक गुरुरानी की मेहनत रंग लाई छह वर्ष बाद विधवा लीलावती को मिली पारिवारिक पेंशन …… जाने क्या पूरा मामला
हल्दूचौड़( नैनीताल )
कृष्णानंद पांडे 23 अप्रैल 1958 को अनुसंधान एवं नियोजन खंड बरेली के चतुर्थ श्रेणी में भर्ती हुए वही कृष्णानंद पांडे 30 अप्रैल 1994 को सेवा निवृत हो गए जिन्हे उसके बाद से लगातार सर्विस पेंशन मिलती रही । दुर्भाग्य वश से 22 अक्टूबर 2019 को उनका निधन हो गया उनकी पत्नी लीलावती पांडे उम्र (80) को पेंशन पेमेंट ऑर्डर में नाम दर्ज न होने के कारण 22 अक्टूबर 2019 से आज तक पारिवारिक पेंशन का लाभ नहीं मिल पाया आज पूर्व सैनिक प्रकाश गुरुरानी की पहल पर सभी लाभ हुए जारी
विदित रहे कि हल्दूचौड़ के जग्गी गांव निवासी कृष्णानंद पांडे 23 अप्रैल 1958 को अनुसंधान एवं नियोजन खंड बरेली में चतुर्थ श्रेणी में भर्ती हुए जो कि कृष्णानंद पांडे 30 अप्रैल 1994 को सेवा निवृत के बाद से उन्हें लगातार सर्विस पेंशन मिलती रही दुर्भाग्य वश उनका स्वर्गवास 22 अक्टूबर 2019 को गया। उनके स्वर्गवास के बाद उनकी पत्नी लीलावती पांडे को इसका लाभ नहीं मिला इधर विधवा लीलावती पाण्डे पूर्व सैनिक प्रकाश गुरुरानी के संपर्क में आने के बाद पूर्व समाज सेवी प्रकाश गुरुरानी ने लगातार कार्यालय अधिशासी अभियंता खंडवासी तथा कार्यालय महा लेखाकार (लेखा एवं हकदारी) उत्तराखंड महा लेखाकर भवन कालागढ़ देहरादून से लगातार पत्र व्यवहार करके पेंशन भुगतान संख्या UP-U-6552/24-25 दिनांक 21 नवंबर 2024 के अनुसार पारिवारिक पेंशन मंजूर कराई जाने के वाद अब उनकी परिवारिक पेंशन की प्रतिलिपि मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय हल्द्वानी को भेज दिए जाने से सीघ्र लीलावती पांडे को कृष्णानंद पांडे के 22 अक्टूबर 2019 से आजीवन पारिवारिक पेंशन का लाभ मिलने लगा है। वहीं पेंशन का लाभ मिलने पर लीलावती पांडे ने समाजसेवी पूर्व सैनिक प्रकाश गुरुरानी एवं सहयोगी कैलाश बिरखानी को उनके निस्वार्थ भाव से कार्य किए जाने पर 80 वर्षीय विधवा को पारिवारिक पेंशन दिलवाने पर धन्यवाद कहा है वही समाज सेवी एवं पूर्व सैनिक प्रकाश गुरुरानी से हुई वार्ता में उन्होंने बताया कि वह पिछले 22 वर्षों से विधवाओं की निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे हैं आगे भी इसी प्रकार सेवा करते रहेंगे ।