ED का हरक सिंह रावत के तमाम ठिकानों पर छापेमारी से बढी मुश्किलें, जानें क्या है पाखरो रेंज घोटाला …

देहरादून ।

उत्तराखंड कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के 16 ठिकानों पर ईडी छापेमारी कर रही है। बताया जा रहा है उत्तराखंड समेत दिल्ली, चंडीगढ़ में ईडी की छापेमारी जारी है। प्रवर्तन निदेशालय कथित वन घोटाला मामले में कार्रवाई कर रहा है। जिससे अब हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।


रामनगर के पाखरो रेंज में निर्माण घोटाले के मामले में सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया था। बता दें कि बीते साल पहले हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के निर्देश दिए थे। मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई ने पूर्व डीएफओ किशनचंद के घर और देहरादून में पूर्व रेंजर बृज बिहारी शर्मा के घर पर छापा भी मारा था। सीबीआई ने पूर्व डीएफओ किशनचंद और पूर्व रेंजर बृज बिहारी शर्मा के घर पर छापेमारी कर वहां से बहुत से दस्तावेज कब्जे में लिए थे। जिसके बाद पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत का नाम भी घोटाले में सामने आया था ।

पूर्व DFO और रेंजर को किया था विजिलेंस ने गिरफ्तार
जिम कार्बेट टाइगर रिजर्व की पाखरो रेंज में 106 हेक्टेयर वन क्षेत्र में टाइगर सफारी का निर्माण होना था। लेकिन 2019 में इसका निर्माण कार्य बिना अनुमति के ही शुरू कर दिया गया। इस मामले में अधिकारियों ने ठेकेदारों की मिलीभगत से 215 करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए थे। इस मामले में पिछले साल विजिलेंस के हल्द्वानी सेक्टर में मुकदमा दर्ज किया गया था। विजिलेंस ने इस मामले में जांच के बाद बृजबिहारी शर्मा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पूर्व डीएफओ किशनचंद को भी गिरफ्तार किया गया था।

हरक सिंह के ठिकानों पर मारा था विजिलेंस ने छापा
30 अगस्त को इस मामले में विजिलेंस ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत के बेटे के कॉलेज और एक पेट्रोल पंप पर भी छापा मारा था। यहां से विजिलेंस ने एक सरकारी जनरेटर बरामद किया था। जिसके बाद हाई कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सात जनवरी को ED ने हरक सिंह रावत के ठिकानों पर ताबड़ तोड़ कार्रवाई की। जिसके बाद माना जा रहा है कि हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ सकती है।

बदले की भावना से काम कर रही ED
हालांकि अभी इसे लेकर हरक ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन छापेमारी की कार्रवाई पर हरक सिंह रावत के पीआरओ विजय सिंह चौहान का बयान सामने आया है। चौहान ने कहा कि जब से हरक सिंह रावत ने भाजपा का साथ छोड़कर कांग्रेस का दामन थामा है। तभी से ईडी बदले की भावना से काम कर रही है। चौहान ने कहा कि ईडी नगर निगम कर्मचारी की तरह हो गई है जो कहीं भी किसी के घर भी चली आती है। उन्होंने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है।

2022 में हुए थे हरक सिंह कांग्रेस में शामिल
गौरतलब हो पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण हरक को छह साल के लिए उत्तराखंड कैबिनेट और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया था। जिसके बाद हरक सिंह रावत 2022 में राज्य विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

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