उत्तरकाशी में बादल फटा, सात लापता, दो लोगों के शव बरामद, हाईवे भी बहा …….. जानें क्या है पूरा मामला ……..आईटीबीपी,एन डी आर एफ व एस डी आर एफ की टीमें आपदा प्रवाहित क्षेत्र में लापता लोगों की तलाश में जुटी।

उत्तरकाशी में बादल फटा, सात लापता, दो लोगों के शव बरामद, हाईवे भी बहा …….. जानें क्या है पूरा मामला ……..आईटीबीपी एनडीआरएफ और टीआरएफ की टीम आपदा प्रवाहित क्षेत्र में लापता लोगों की तलाश में जुटी।

हैलो इंडिया 24×7 टीम

 देहरादूनः 

उत्तराखंड में शनिवार रात मौसम ने करवट बदली तो आसमान से आफत बरसने लगी। उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से होटल निर्माण कार्य में लगे दो श्रमिकों की. मौत हो गई, जबकि सात लापता हैं। मृतकों में एक उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, दूसरा नेपाल का रहने वाला था। पूरा क्षेत्र मलबे में तब्दील हो गया है। लापता लोगों की खोज के लिए आइटीबीपी, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमें जुटी हुई हैं। इधर, यमुनोत्री राजमार्ग का 10 मीटर हिस्सा भी पूरी तरह बह गया है। बारिश से गढ़वाल व कुमाऊं में भूस्खलन व भूधंसाव होने से कई अन्य राजमार्गों को भी नुकसान पहुंचा है।

उत्तरकाशी में शनिवार रात करीब तीन बजे यमुनोत्री राजमार्ग पर पालीगाड़ से चार किलोमीटर आगे सिलाई बैंड के पास बादल फट गया। इससे करीब 10 मीटर राजमार्ग बह गया। साथ ही यहां कैंप बनाकर रह रहे नौ श्रमिक पानी के तेज बहाव में लापता हो गए। घटना के समय कैंप में 29 श्रमिक थे। इनमें से 20 ने भागकर जान बचाई। जिलाधिकारी उत्तरकाशी प्रशांत आर्य ने बताया कि सिलाई बैंड के पास एक होटल निर्माणाधीन है, सभी श्रमिक वहीं काम कर रहे थे। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम को खोजबीन के दौरान दो लापता श्रमिकों दूजेलाल (55) निवासी पीलीभीत, उत्तर प्रदेश और केवल बिष्ट (43) निवासी कर्ममोहनी, जिला राजापुर, नेपाल के शव मिले हैं। अन्य श्रमिकों की तलाश की जा रही है। इनमें चार देहरादून और तीन नेपाल के हैं।

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विद्यालयों में आज अवकाश :-

भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए प्रदेश के सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कक्षा एक से 12वीं तक के स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र सोमवार को बंद रहेंगे।

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24 घंटे को रोकी चारधाम यात्रा :-

चारधाम से जुड़े राजमार्गों की खतरनाक स्थिति और भारी वर्षा के अलर्ट को देखते हुए चारधाम यात्रा 24 घंटे के लिए रोक दी गई है। यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के पड़ावों पर 14 हजार से अधिक यात्री रोके गए हैं।

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