वन महकमे की आंखों में धूल झोंक काट डाले बिना अनुमति 4 सागौन के पेड़। वही पर्यावरण प्रेमी की शिकायत के बाद जांच में जुटा वन विभाग। 

वन महकमे की आंखों में धूल झोंक काट डाले बिना अनुमति 4 सागौन के पेड़। वही पर्यावरण प्रेमी की शिकायत के बाद जांच में जुटा वन विभाग। 

हल्दूचौड़( नैनीताल)

 एक ओर जहां पर्यावरण संरक्षण को लेकर सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर वृक्षारोपण अभियान चला रही है वहीं वन महकमे के गैर जिम्मेदाराना रवैए के चलते तथाकथित लकड़ी माफिया सरकार के पर्यावरण संरक्षण अभियान को पलीता लगाने पर आमादा हैं । ताजा मामला हल्द्वानी तहसील क्षेत्र के अन्तर्गत गोरा पड़ाव के हरीपुर पूर्णानंद गांव का है, यहां एक ठेकेदार ने भू स्वामी मृदुल टंडन के नाम से 12 सा गौन, 6 शीशम, 1 चीड़ के कुल 19 पेडों की अनुमति के अलावा उसी गांव में प्रकाश नारायण पुत्र प्रताप नारायण नाम  4 पेड़ सागौन के, 2 पेड़ शीशम के,1 पेड़ पीपल के कुल सात पेड़ों की अनुमति ली गई है इस प्रकार से दो लोगों के नाम से अनुमति कुल 26 पेड़ों की अनुमति ली गई है 26 पेड़ो की अनुमति 

के आड़ में अनुमति से कहीं ज्यादा प्रतिबंधित सागौन और आम के हरे भरे पेड़ों को काट दिया है। जानकारी के मुताबिक विभाग द्वारा ठेकेदार और भूस्वामी को 26 पेड़ों का परमिट जारी किया था किंतु भूस्वामी और ठेकेदार ने परमिट की आड़ में तमाम बेस बेस कीमती सागौन  और आम के हरे भरें पेड़ भी काट दिये। काटे गए पेड़ों की लकड़ी को रात के अधेंरे में ठिकाने लगाने की तैयारी थी लेकिन इस बीच एक पर्यावरण प्रेमी ने मामले की शिकायत वन विभाग ओर राजस्व विभाग के अधिकारियों से कर दी।  शिकायत के बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर बिना अनुमति के काटे गए सागौन के 17 गिल्टों को बरामद करते हुए काटे गए पेड़ों पेमाईस शुरू कर दी है। बताया जा रहा है बिना अनुमति से अधिक हरे भरें पेड़ों की कटाई की गई है। फिलहाल वन विभाग पूरे मामले की जांच कर रहा है। इधर शिकायत कर्ता ने  वन विभाग के साथ ही  राजस्व विभाग से भी कार्यवाही की मांग की है।

वही ठेकेदार और भूस्वामी ने वन विभाग की आंखों में धूल झोंककर बिना अनुमति वाले तमाम सागौन और आम के पेड़ों को भी काट दिया । उक्त मामले का खुलासा करते हुए स्थानीय समाजसेवी गजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने वन विभाग को लिखित शिकायत देकर कार्य वाई की मांग की है। 

फिलहाल अभी तक वन विभाग की जांच में  4 पेड़ सागौन के अवैध काटे पाये गए है और विभाग ने 4 कटे पेड़ो के  सागौन के 17 गिल्टों की पैमाइश कर किनारे कर दिए गए है। वही मौके पर पहुंचें वन विभाग के  वन दरोगा रेबाधर जोशी,  वीट प्रभारी धुर्वी बहुगुणा के अलावा वीट सहायक गणेश सिंह ने मौके पर पहुंच कर कटे चार सागौन के पेड़ो की पैमाइश की गई वही फिलहाल वन विभाग पूरे मामले की जांच में जुटा है। 

हल्दूचौड़ (नैनीताल )

वन विभाग से हरिपुर पूर्णानंद गांव से मृदुल टंडन पुत्र कृष्ण गोपाल टंडन ने सागौन 12 पेड़,शीशम के 6 पेड़ एवं चीड़ के 1 पेड़ कुल 19 पेड़ों की अनुमति इसी प्रकार से इसी गांव प्रकाश नारायण पुत्र प्रताप नारायण नाम से 4 पेड़ सागौन के,2 पेड़ शीशम के अलावा एक पेड़ पीपल के कुल 7 पेड़ो की अनुमति ली गई है ।  वही इस गांव से दो व्यक्तियों को 26 पेड़ों की अनुमति दी गई है जो दो लोगों को दी गई थी।

उन्होंने कहा कि 26 पेड़ों की अनुमति दी थी लेकिन 4 अन्य पेड़ सागौन के काटे गए जिसकी लकड़ी बरामद कर ली गई है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जो भी पेड़ काटे गए होंगे उनकी जांच की जा रही है अनुमति से अतिरिक्त जो भी पेड़ काटे गए हैं उसे बरामद कर नियम नियमानुसार कार्य वाई की जाएगी। 

 आनंद कुमार वन क्षेत्राधिकारी तराई केंद्रीय

इल्दूचौड़ ( नैनीताल)

 शिकायतकर्ता पर्यावरण मित्र गजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि उक्त जमीन पर अवैध रूप से सागौन और आम सहित अन्य पेड़ों की अवैध कटाई की जा रहीं थी जिसकी लकड़ी चोरी से बेचने की तैयारी चल रही थी उन्होंने कहा कि मामले की शिकायत उन्होंने वन विभाग से लेकर राजस्व विभाग से की जिस पर वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर 4 पेड़ सागौन की लकड़ी बरामद की है उन्होंने राजस्व विभाग से कार्यवाही की मांग की है।

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