नैनीताल ।
नगर पालिका नैनीताल के अधिकार जिला धिकारी नैनीताल को मिल गए हैं। हालांकि अब तक यह अधिकार जिलाधिकारी नैनीताल के पास ही थे, लेकिन प्रशासनिक व वित्तीय शक्ति के लिए आदेश स्पष्ट न होने पर उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार पर्यवेक्षक का कार्य देख रहे हैं। एक सप्ताह के बाद नगर पालिका नैनीताल के अधिकार जिलाधिकारी नैनीताल को मिल गए हैं। अब तक ये अधिकार जिलाधिकारी के पास ही थे, लेकिन प्रशासनिक व वित्तीय शक्ति के लिए आदेश स्पष्ट न होने पर उपजिलाधिकारी प्रमोद कुमार पर्यवेक्षक का कार्य देख रहे हैं जबकि ईओ द्वितीय श्रेणी बतौर प्रभारी ईओ प्रथम श्रेणी का कार्य देख रही हैं। इस संबंध में शहरी विकास विभाग की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। बता दें कि, पालिका की वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में पालिका की त्रिपक्षीय जांच चल रही है जिसमें हाईकोर्ट के वाद के साथ ही हाईकोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच, शासन स्तर पर जांच, जिला प्रशासन स्तर पर जांच जारी है। वही हाईकोर्ट में विचाराधीन मामले में बीती 16 अक्तूबर को पालिकाध्यक्ष के वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिए गए जबकि ईओ को निलंबित कर दिया गया है। इसके बाद शासन के आदेश पर ही डीएम ने उप जिलाधिकारी को पर्यवेक्षक व पूजा को प्रभारी ईओ की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार न होने से वेतन समेत तमाम समस्याएं हो रही थी।अब शहरी विकास विकास की ओर से उपजिलाधिकारी को पालिकाध्यक्ष के कर्तव्यों के निर्वहन की जिम्मेदारी दी है, जबकि ईओ आलोक उनियाल को जिलाधिकारी कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। बुधवार को जिलाधिकारी की ओर से अधीनस्थ अधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। प्रभारी ईओ ने शहरी विकास से संबंधित पत्र की पुष्टि की है।
जिला प्रशासन की नौ बिन्दुओं पर जारी
इधर जिला प्रशासन की ओर से नौ बिंदुओं पर पालिका की अनियमितताओं की जांच आरंभ कर दी है। मंगलवार को प्रशासनिक टीम ने पालिका में दस्तावेज खंगाले तथा कर्मचारियों से बातचीत की।
भाजपा नगर अध्यक्ष आनंद बिष्ट और अरविंद पडियार की ओर से नजूल भूमि को लेकर बनाए गए नियमों का पालिका की ओर से किए गए उल्लंघन, बोर्ड बैठक में पास किए बगैर निर्माण कार्य कराने, बिना बोर्ड में पास कराई सफाई उपकरण व अन्य सामग्री खरीद, शासन की ओर से जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने के लिए अवमुक्त धनराशि से वाटर प्यूरीफायर लगाने, डीएसए मैदान में रॉक क्लाइंबिंग वाल, लेक ब्रिज पार्किंग की अनुबंध शर्तों में बदलाव की जांच, रिंग हाल को लीज पर देने आदि बिंदुओं की जांच की मांग की है। मंगलवार को उपजिलाधिकारी धारी के एन गोस्वामी के नेतृत्व में कोषाधिकारी व राजस्व अधिकारियों की मौजूदगी में जांच हुई।