स्कूलों में किताबें तो मिल गई पर मुफ्त कॉपियों का अब भी इंतजार …… जानें क्या है पूरा मामला …… कॉपियां नहीं मिलने से बच्चों की पढ़ाई हो रही प्रभावित, कई जगह शिक्षकों ने दी कॉपियां ।
हल्द्वानी(नैनीताल )।
कुमाऊं मंडल के सरकारी और अशासकीय स्कूलों में मुफ्त में मिलने वाली किताबें भले ही छात्र-छात्राओं के पास पहुंच गई हों, लेकिन ये किताबें कहीं एक माह तो कहीं दो माह बाद मिलीं। अब भी कुछ छात्रों को किताबों का इंतजार है। साथ ही छात्रों को पहली बार मुफ्त मिलने वाली कॉपियों का बेसब्री से इंतजार हो रहा है।
कुछ छात्रों ने कॉपियां नहीं खरीदी हैं तो कुछ पुरानी कॉपियों से काम चला रहे हैं। अप्रैल में शुरू हुए शैक्षणिक सत्र के तीन माह बाद भी कॉपियां नहीं मिलने से छात्र, शिक्षक और अभिभावक भी असमंजस में हैं। कॉपियां नहीं मिलने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। दरअसल, सरकार ने इस सत्र से कक्षा एक से कक्षा 12 तक सरकारी और अशासकीय स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं को निशुल्क किताबों, यूनिफॉर्म की तरह कॉपियां यानी नोटबुक भी मुफ्त में देने का वादा किया गया था। कुमाऊं में कुछ स्कूलों में छात्रों को कॉपियां स्वयं खरीदनी पड़ीं, जबकि कुछ में शिक्षकों ने छात्रों को कॉपियां उपलब्ध कराईं।
कुछ छात्र पुरानी कॉपियों में ही स्कूल का काम कर रहे हैं। राजकीय शिक्षक संघ नैनीताल के पूर्व जिला अध्यक्ष विवेक पांडे ने बताया कि राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, गौजा जाली में अधिकांश छात्र निर्धन परिवारों से हैं। मुफ्त कॉपियां मिलने की जानकारी के बावजूद, जब कॉपियां जुलाई में उपलब्ध नहीं हुईं और अभिभावकों ने भी कॉपियां नहीं खरीदीं तो शिक्षकों ने स्वयं कॉपियां खरीदकर * छात्रों को दीं। उन्होंने बताया कि कुछ छात्र पिछली कक्षाओं की बची कॉपियों में काम कर रहे हैं।
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01 कक्षा से 12 वीं तक मुक्त कॉपियां देने का किया गया था वादा
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11 सौ सात स्कूल है कक्षा 6 से लेकर 12 तक पूरी मंडल में
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06 हजार से अधिक प्राथमिक स्कूल है पूरे कुमाऊं मंडल में
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ये है योजना
अफसरों ने बताया कि कक्षा 1 और 2 के छात्रों को 100 पेज की एक कॉपी, कक्षा 3 से 5 तक के छात्रों को तीन कॉपियां, कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को पांच कॉपियां और कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को 120 पेज की पांच कॉपियां दिए जाने की योजना है।
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स्कूलों में जल्द ही छात्रों को कॉपियां भी उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए शासन स्तर पर प्रक्रिया जारी है।
मुकुल कुमार सती, निदेशक माध्यमिक शिक्षा।