उत्तराखण्ड की देवभूमि में हर व्यक्ति की आत्मा में वृक्ष, जल एवं जंगल के प्रति आदर एवं विशेष लगाव
:- राज्यपाल
रानीखेत ।
उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कार्कटेश्वर मंदिर काकड़ीघाट स्थित स्वामी विवेकानंद ज्ञान वृक्ष पहुंच कर कहा कि इस जगह की अपनी एक अलग पहचान है। यहां आकर स्वामी विवेकानन्द जी ने ध्यान लगाया था। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि उस वक्त जिस पेड़ के नीचे उन्होंने ध्यान लगाया था उसको हमने वैज्ञानिक तरीके से पुर्नजीवित किया है। उन्होंने कहा कि आज हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती जल संरक्षण की है। कोसी नदी हमारे लिए पूज्यनीय है, जल एवं वृक्षों का संरक्षण करना सबसे बड़ी बात है। देवभूमि के हर व्यक्ति की आत्मा में वृक्ष, जल एवं जंगल के प्रति आदर एवं विशेष लगाव है।
बुधवार को राज्यपाल गुरमीत सिंह के काकड़ीघाट पहुंचने पर जिलाधिकारी विनीत तोमर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा सहित अन्य अधिकारियों एवं क्षेत्रवासियों ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। तत्पश्चात राज्यपाल ने कार्कटेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने ज्ञान वृक्ष (पीपल) का जलाभिषेक कर काकड़ीघाट के बारे में विभिन्न जानकारियां प्राप्त की । राम कृष्ण मिशन अल्मोड़ा के ध्रुवेशानंद महाराज ने उन्हें इस स्थान का महत्व बताया। कहा कि स्वामी विवेकानन्दजी ने अपनी परिव्राजक यात्रा के दौरान 21 अगस्त 1890 ई० को काकड़ीघाट में रात्रिवास किया था। यहाँ पीपल वृक्ष के नीचे ध्यान करते हुए उन्हें दुर्लभ आध्यात्मिक अनुभूति हुई थी। आगे बताया कि ज्ञानवृक्ष के नाम से विख्यात वह मूल पीपल वृक्ष 2014 में सूख गया था। परन्तु उसी वृक्ष के एक प्रतिरूप पौधे का रोपन 15 जुलाई 2016 को उसी मूल स्थान पर किया गया है।
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वन विभाग के अधिकारियों को विश्लेषण करना होगा : राज्यपाल
रानीखेत।
राजयपाल ने कहा कि जंगलों को आग से बचाने के लिए वन विभाग के अधिकारियों को इसका विश्लेषण करना होगा इसके साथ ही हर उत्तराखंडी के ऊपर यह जिम्मेदारी है कि हमें इसका तोड़ ढूंढना होगा। हमें इस प्रकार से मित्र बनाने पड़ेंगें जो आग लगने की सूचना तत्काल वन विभाग को दें, जिससे समय रहते जंगल को आग से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि जंगलों की आग पूरी दुनिया के लिए चुनौती है। उत्तराखण्ड में जो इसका समाधान निकलेगा वह पूरी दुनिया को रोशनी देगा।
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कौन रहे मौजूद :
इस दौरान जिलाधिकारी विनीत तोमर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देवेंद्र पींचा, अपर जिलाधिकारी सीएस मर्तोलिया, संयुक्त मजिस्ट्रेट रानीखेत वरुणा अग्रवाल, पुलिस उपाधीक्षक विमल प्रसाद, मंदिर समिति के अध्यक्ष हरीश चंद्र परिहार, कोषाध्यक्ष गोपाल सिंह, विमला रावत सहित मंदिर समिति के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।