एक नेता संविधान की प्रति जेब में रखते हैं, …… जाने क्या है पूरा मामल ……एक पार्टी ने संविधान को हमेशा हाईजैक करने की कोशिश की ..राजनाथ का तंज

एक नेता संविधान की प्रति जेब में रखते हैं, …… जाने क्या है पूरा मामल ……एक पार्टी ने संविधान को हमेशा हाईजैक करने की कोशिश की ..राजनाथ का तंज

👉 करन पाण्डे 👉

नई दिल्ली ।

लोकसभा में संविधान पर चर्चा की शुरुआत केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। उन्होंने कहा कि ’75 साल पहले संविधान सभा ने संविधान निर्माण का काम पूरा किया था। संविधान सभा ने जो संविधान तैयार किया था, वह केवल कानूनी दस्तावेज नहीं था बल्कि वह जन आकांक्षाओं का प्रतिबिंब था।

राजनाथ सिंह ने कहा कि संविधान से देश में सही मायने में लोकतंत्र लागू हुआ। हमारा संविधान सार्वभौम है, जहां यह राज्य की जिम्मेदारियों को सूचीबद्ध करता है तो वहीं नागरिकों के अधिकारों का भी उल्लेख करता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा हमारे संविधान को उपनिवेशवाद का उपहार या अच्छी बातों का संकलन मात्र मान लिया जाता है। पिछले कुछ वर्षों से देश में ऐसा माहौल बनाया गया कि संविधान एक पार्टी की विशेष देन है। संविधान निर्माण में बहुत से लोगों की भूमिका को नकार दिया गया। अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘एक पार्टी विशेष के नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर चलते हैं। दरअसल उन्होंने अपने पूर्वजों से यही सीखा है।’ राजनाथ सिंह का यह तंज कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर माना जा रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि संविधान किसी एक पार्टी की देन नहीं है, लेकिन इसके निर्माण के कार्य को एक पार्टी विशेष द्वारा ‘हाईजैक’ करने की कोशिश हमेशा की गई है। उन्होंने लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार संविधान के मूल्यों को केंद्र में रखकर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एक पार्टी विशेष द्वारा संविधान निर्माण के कार्य को ‘हाईजैक’ करने की कोशिश हमेशा से की गई है। भारत में संविधान निर्माण के इतिहास से जुड़ी ये सब बातें लोगों से छिपाई गई हैं। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘आज विपक्ष के कई नेता संविधान की प्रति अपनी जेब में रखकर घूमते हैं। असल में उन्होंने बचपन से ही यही सीखा है। उन्होंने पीढ़ियों से अपने परिवार में संविधान को जेब में ही रखे देखा है, लेकिन भाजपा संविधान को सिर माथे पर लगाती है।

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